Sankat Mochan Hanuman Chalisa हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे

हनुमान जी भगवान राम के दूत हैं और परम भक्त भी। अगर हनुमान जी की कृपा हो जाये तो कठिन से कठिन कार्य भी पूरा होता है। आपकों याद ही होगा की हनुमान जी किस प्रकार समंदर लाँघ कर लंका गए थे और उन्होंने वहां पूरी लंका जला दी थी। ये हनुमान जी की ताकत ही तो थी जिससे लक्ष्मण जी के प्राण बच गए और सीता माता को भगवान राम लंका जीत कर पुनः अयोध्या ले आये। इसीलिए तो कहा गया है की ” ये दुनिया चले ना श्रीराम के बिना राम जी चले ना श्री हनुमान के बिना ” तो आइये आज हम हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका जान लेते हैं। सुबह उठके स्नान करके हनुमान चालीसा का पाठ करें इससे सरल और कोई तरीका नहीं है हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का। आपकी जानकारी के लिए बता दें की हनुमान चालीसा तुलसीदास ने लिखी थी। एक बार बादशाह अकबर ने तुलसीदास से कहा की मुझे तुम्हारे प्रभु राम से मिलवाओ। तुलसीदास ने कहा की हमारे प्रभु सिर्फ अपने भक्तों से ही मिलते हैं। क्रोधवश अकबर ने तुलसीदास जी को कारागार में बंद करवा दिया। तुलसीदास जी ने पूरी हनुमान चालीसा कारागार में लिखी और जैसे ही हनुमान चालीसा लिखने का कार्य पूरा हुआ, हज़ारों बंदरों ने अकबर के महल पर धावा बोल दिया और बंदरों के आतंक से अकबर की सेना में तबाही मच गयी। इससे विवश होकर अकबर को तुलसीदास को छोड़ना पड़ा और जैसे ही तुलसीदास जी को रिहा किया गया बंदरों की फ़ौज भी गायब हो गयी। अब आप समझ सकते हैं इस हनुमान चालीसा की शक्ति और महिमा। आपकी पूजा के लिए हम हनुमान चालीसा हिंदी में नीचे दे रहे हैं।

दोहा :
 श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। 
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। 

चौपाई :
 
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
 
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
 
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
 
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
 
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
 
संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
 
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
 
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
 
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
 
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
 
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
 
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
 
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
 
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
 
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
 
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
 
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
 
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
 
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
 
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
 
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
 
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
 
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
 
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
 
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
 
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
 
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
 
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
 
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
 
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
 
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
 
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
 
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
 
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
 
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
 
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
 
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
 
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
 
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
 
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।। 

दोहा :
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

हनुमान जी को केसरी रंग बहुत पसंद है और शनिवार को हनुमान जी को तेल और सिन्दूर चढ़ाना चाहिए ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और शनि देव के कष्टों और साढ़े साती के कष्टों से आराम मिलता है। हनुमान जी एक सरल हृदय के देवता हैं जिन्हे प्रसन्न करना अत्यंत सरल है इसलिए हम आपसे ये निवेदन करते हैं की हमेशा हनुमान जी की पूजा उपासना करें। इसी प्रकार की उपयोगी जानकारियाँ के लिए अजनाभ को सब्सक्राइब ज़रूर करें, आपके सहयोग और प्रेम के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद्।

सम्बंधित लेख :

Sun Temples Of India भारत के मशहूर सूर्य मंदिर

Most Powerful Vishnu Mantra For Succes श्रीहरि विष्णु के शुभ फलदायक मंत्र

Benefits Of Shree Shani Chalisa शनि चालीसा पढ़ने के फायदे

Injambakkam Sai Baba Temple इंजम्बक्कम साईं मंदिर साईपुरम की पूरी जानकारी

Shiv Chalisa In Hindi भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा

Sharing Is Caring:

Leave a Comment